IIT विस्तार योजना मोदी सरकार (IIT Expansion Plan Modi Government) भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली (Higher Education System) को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institutes of Technology – IITs) का योगदान अद्वितीय रहा है। ये संस्थान केवल इंजीनियरिंग (Engineering) और तकनीकी शिक्षा (Technical Education) के केंद्र नहीं हैं, बल्कि भारत की वैज्ञानिक सोच, अनुसंधान (Research) और नवाचार (Innovation) का भी आधार बन चुके हैं। हाल के वर्षों में IIT विस्तार योजना मोदी सरकार ने इन संस्थानों को और सशक्त बनाया है, जिससे भारत वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर और अधिक प्रभावशाली रूप से उभरा है।

IITs की नींव 1950 के दशक में रखी गई थी, जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इन्हें भारत के “Modern Temples of India (आधुनिक भारत के मंदिर)” कहा। इसके बाद से अलग-अलग सरकारों ने समय-समय पर इन संस्थानों का विस्तार किया।
लेकिन हाल के वर्षों में IIT विस्तार योजना मोदी सरकार (IIT Expansion Plan Modi Government) ने इन संस्थानों को नए आयाम दिए हैं। न केवल नए IIT स्थापित हुए, बल्कि डिजिटल शिक्षा (Digital Education), आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence – AI) और शोध (Research) के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।
आज जब भारत Developed India 2047 Vision की ओर बढ़ रहा है, तब IITs केवल शिक्षा का ही नहीं बल्कि भारत की वैश्विक ब्रांडिंग (Global Branding) का भी प्रतीक बन चुके हैं।
IITs की ऐतिहासिक यात्रा (History of IITs) भारत के सभी 23 IIT – योजना किसने रखी और किसने बनाया
“सभी IIT किसने योजना बनाई और किसने उन्हें बनाया/लागू किया”
आइए पूरा इतिहास क्रमवार देखें 👇
| क्रम | IIT | स्थापना/घोषणा | योजना (किस सरकार ने रखी) | लागू (किस सरकार ने बनाया/शुरू किया) |
|---|---|---|---|---|
| 1 | IIT खड़गपुर | 1951 | पं. नेहरू (कांग्रेस) | कांग्रेस (नेहरू जी) |
| 2 | IIT बॉम्बे | 1958 | कांग्रेस (नेहरू) – सोवियत सहयोग | कांग्रेस (नेहरू) |
| 3 | IIT मद्रास | 1959 | कांग्रेस (नेहरू) – जर्मन सहयोग | कांग्रेस |
| 4 | IIT कानपुर | 1959 | कांग्रेस (नेहरू) – अमेरिकी सहयोग | कांग्रेस |
| 5 | IIT दिल्ली | 1961 | कांग्रेस | कांग्रेस |
| 6 | IIT गुवाहाटी | 1994 | कांग्रेस (पी.वी. नरसिंह राव) | कांग्रेस |
| 7 | IIT रुड़की (Roorkee → IIT) | 2001 | NDA (अटल बिहारी वाजपेयी) | NDA (अटल जी, 2001) |
| 8 | IIT भुवनेश्वर | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 9 | IIT गांधीनगर | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 10 | IIT हैदराबाद | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 11 | IIT जोधपुर | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 12 | IIT पटना | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 13 | IIT रोपड़ | 2008 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 14 | IIT इंदौर | 2009 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 15 | IIT मंडी | 2009 | NDA (अटल जी, योजना) | UPA (मनमोहन सिंह) |
| 16 | IIT BHU वाराणसी | 2012 (BHU को IIT में बदला) | मूल संस्था कांग्रेस काल में (1919–1920s), IIT में बदलने की योजना NDA ने शुरू की | UPA (मनमोहन सिंह, 2012) |
| 17 | IIT पलक्कड़ | 2015 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 18 | IIT तिरुपति | 2015 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 19 | IIT भिलाई | 2016 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 20 | IIT गोवा | 2016 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 21 | IIT जम्मू | 2016 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 22 | IIT धारवाड़ | 2016 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार) |
| 23 | IIT धनबाद (ISM → IIT) | 2016 | NDA (मोदी सरकार) | NDA (मोदी सरकार, 2016) |
✅ निष्कर्ष
- 1950–60s (नेहरू युग) → पहले 5 IIT (खड़गपुर, बॉम्बे, मद्रास, कानपुर, दिल्ली) → कांग्रेस ने योजना और निर्माण दोनों किया।
- 1990s → गुवाहाटी → कांग्रेस (नरसिंह राव)।
- 2001 → रुड़की को IIT बनाया → NDA (वाजपेयी)।
- 2008–2012 → सबसे ज़्यादा 9 IITs → योजना NDA (वाजपेयी) ने बनाई थी, लेकिन निर्माण/उद्घाटन UPA (मनमोहन सिंह) ने किया।
- 2015–16 → 6 नए IIT + ISM धनबाद को IIT → योजना और निर्माण/उद्घाटन NDA (मोदी सरकार) ने किया।
🏛️ नेहरू काल (Nehru Era – 1950s–1960s)
भारत को आज़ादी मिलने के बाद देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी – उच्च तकनीकी शिक्षा (Higher Technical Education) की व्यवस्था करना। इसी सोच से 1951 में पहला IIT खड़गपुर (IIT Kharagpur) स्थापित हुआ।
- USSR (रूस) की मदद से IIT बॉम्बे (1958) बना।
- USA की मदद से IIT कानपुर (1959) बना।
- जर्मनी (Germany) की मदद से IIT मद्रास (1959) स्थापित हुआ।
- UK (ब्रिटेन) की मदद से IIT दिल्ली (1961) बना।
📈 अटल / मनमोहन सिंह काल (Atal / Manmohan Era – 2001–2014)
2000 तक IITs की संख्या सिर्फ 7 थी, लेकिन 2001–2012 के बीच एक बड़ा विस्तार हुआ।
- नए IIT खोले गए: रुड़की, भुवनेश्वर, गांधीनगर, हैदराबाद, जोधपुर, पटना, रोपड़, इंदौर, मंडी।
🚀 मोदी काल (Modi Era – 2014–अब तक)
2014 के बाद मोदी सरकार ने IIT विस्तार को एक मिशन मोड (Mission Mode) में आगे बढ़ाया।
- नए IIT स्थापित हुए: IIT Palakkad, IIT Tirupati, IIT Bhilai, IIT Goa, IIT Jammu, IIT Dharwad।
- पुराने संस्थानों को IIT का दर्जा दिया गया: IIT ISM Dhanbad।
- Budget 2025 में IITs के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश: ₹11,828 करोड़, 6,500 नई सीटें और AI Research Parks।
👉 इस दौर में केवल नए IIT ही नहीं खुले, बल्कि Digital India, Startup India और Make in India जैसे अभियानों से IITs की वैश्विक पहचान और मजबूत हुई।
📊 समग्र तुलना (Overall Comparison):
- नेहरू काल – नींव रखी गई।
- अटल / मनमोहन काल – संख्या बढ़ी।
- मोदी काल – संख्या के साथ-साथ गुणवत्ता, बजट और वैश्विक ब्रांडिंग में सबसे बड़ा विस्तार।
मोदी सरकार और IIT विस्तार योजना (Modi Govt. IIT Expansion Plan)
2014 के बाद जब मोदी सरकार सत्ता में आई, तो शिक्षा को केवल “डिग्री देने वाली व्यवस्था” न मानकर, इसे राष्ट्र निर्माण (Nation Building) और वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Global Competitiveness) का साधन माना गया। इसी सोच से IIT विस्तार योजना मोदी सरकार (IIT Expansion Plan Modi Govt.) का निर्माण हुआ।

Source: AI Generated
🎯 मुख्य उपलब्धियाँ (Key Achievements):
- नए IITs की स्थापना (2015–2016):
- IIT Palakkad (केरल)
- IIT Tirupati (आंध्र प्रदेश)
- IIT Bhilai (छत्तीसगढ़)
- IIT Goa (गोवा)
- IIT Jammu (जम्मू-कश्मीर)
- IIT Dharwad (कर्नाटक) 👉 ये सभी संस्थान मोदी सरकार के प्रत्यक्ष निर्णयों का नतीजा हैं।
- पुराने संस्थानों को नया दर्जा:
- IIT (ISM) Dhanbad को 2016 में IIT का दर्जा दिया गया।
- बजट और निवेश में रिकॉर्ड बढ़ोतरी:
- 2014–15 में IIT बजट लगभग ₹5,000 करोड़ था,
- जो बढ़कर 2025–26 में ₹11,828 करोड़ पहुँच गया।
- 6500 नई सीटें और AI Research Parks की घोषणा।
- नवाचार और शोध (Innovation & Research):
- National Education Policy 2020 (NEP 2020) के तहत IITs को सिर्फ टेक्निकल कॉलेज नहीं बल्कि Multidisciplinary Research Hubs बनाया गया।
- AI, Quantum Computing, Semiconductor Research जैसे क्षेत्रों में स्पेशल सेंटर खोले गए।
- वैश्विक पहचान (Global Branding):
- IITs ने पहली बार QS World Rankings और THE Rankings में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
- विदेशी छात्रों के लिए सीटें बढ़ाई गईं।
🏆 मोदी काल को अलग क्या बनाता है?
जहाँ नेहरू काल में नींव रखी गई और मनमोहन काल में संख्या बढ़ी, वहीं मोदी काल ने IITs को 21वीं सदी की तकनीकी क्रांति (Technological Revolution) से जोड़ा।
- पहले विस्तार संख्या आधारित (Quantity) था,
- लेकिन अब विस्तार गुणवत्ता + संख्या (Quality + Quantity) दोनों पर केंद्रित है।

IIT विस्तार में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
🌍 IIT और अंतरराष्ट्रीय सहयोग (International Collaboration):
भारत के IITs केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर (Global Stage) पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं।
- 1950s–60s में विदेशी मदद:
- USSR से IIT बॉम्बे
- USA से IIT कानपुर
- जर्मनी से IIT मद्रास
- ब्रिटेन से IIT दिल्ली
👉 शुरुआती दौर में विदेशी मदद से IITs खड़े हुए। - मोदी सरकार के बाद (2014–अब तक):
- IIT Madras – US Universities के साथ AI & Quantum Research Collaboration
- IIT Bombay – University of Chicago के साथ Climate & Energy Research
- IIT Delhi – Australia और UK के साथ Joint Research Centres
- IIT Hyderabad – Japan के साथ Robotics और Semiconductor Research
👉 अब विदेशी सहयोग केवल बुनियादी ढाँचे के लिए नहीं, बल्कि Global R\&D Leadership के लिए है।
🚀 भविष्य की योजनाएँ (Future Plans of IIT Expansion):
- Digital Transformation of IITs:
- Online Learning Platforms (AI आधारित)
- Global MOOCs (Massive Open Online Courses)
- International IIT Campuses:
- चर्चा है कि आने वाले वर्षों में UAE और Africa में IIT Campuses खोले जा सकते हैं।
- IIT Madras ने ज़ांज़ीबार (Tanzania) में 2023 में पहला International IIT Campus खोला।
- AI & Emerging Tech Parks:
- मोदी सरकार ने 2025 के बजट में IITs के लिए AI, Semiconductor और Space Tech Research Parks की घोषणा की।
- Inclusive Growth (समान अवसर):
- IITs में महिलाओं और कमजोर वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के लिए Supernumerary Seats।
- Regional outreach programs ताकि हर राज्य में IIT culture पहुँचे।
🏆 भविष्य की दिशा (Future Vision):
- मोदी सरकार का लक्ष्य है कि IITs केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए Research & Innovation Hub बनें।
- आने वाले दशक में IITs AI, Green Energy, Quantum Tech और Space Research में Global Leaders के रूप में उभरेंगे।
IIT विस्तार का भारत पर प्रभाव (Impact of IIT Expansion on India)
📈 1. आर्थिक विकास (Economic Growth):
- IITs से निकलने वाले इंजीनियर, वैज्ञानिक और उद्यमी (Entrepreneurs) आज भारत की GDP में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
- मोदी सरकार ने IITs को स्टार्टअप इंडिया (Startup India) और मेक इन इंडिया (Make in India) मिशन से जोड़ा।
- परिणामस्वरूप IIT ग्रेजुएट्स द्वारा शुरू किए गए 3000+ Startups और 100+ Unicorns भारत की अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं।
💡 2. नवाचार और तकनीक (Innovation & Technology):
- IITs में शोध को AI, Quantum Tech, Green Hydrogen, Semiconductor जैसे क्षेत्रों से जोड़ा गया।
- IIT Madras – India’s first 3D printed houses & Hyperloop project
- IIT Bombay – Clean Energy & Electric Vehicles
- IIT Delhi – Healthcare & Low-cost Medical Devices
👉 मोदी सरकार के समय IITs ने Global Tech Hubs जैसा स्वरूप लेना शुरू किया।
🌍 3. वैश्विक पहचान (Global Reputation):
- QS और THE Rankings में भारतीय IITs की लगातार प्रगति।
- IIT Bombay और IIT Delhi टॉप 200 में।
- विदेशी छात्रों और रिसर्चर्स की भागीदारी बढ़ी।
👩🎓 4. सामाजिक प्रभाव (Social Impact):
- महिलाओं के लिए विशेष सीटें (Supernumerary Seats) शुरू की गईं।
- ग्रामीण और पिछड़े इलाकों से छात्रों को IITs तक पहुँचाने के लिए विशेष स्कॉलरशिप और प्रिपरेटरी प्रोग्राम्स।
- Modi Govt का लक्ष्य – “हर राज्य का छात्र IIT तक पहुँचे।”
🚀 5. भारत की भविष्य दृष्टि (Future Readiness of India):
- IITs के मजबूत नेटवर्क ने भारत को Digital Economy, Defence Tech, Space Mission (Chandrayaan & Gaganyaan) और Green Energy में Global Leader बनने की नींव दी।
- यदि Nehru ने IITs की नींव रखी, तो Modi ने उन्हें 21वीं सदी के Super Power Institutes में बदलने की दिशा दिखाई।
चुनौतियाँ और समाधान (Challenges & Solutions in IIT Expansion)
⚠️ मुख्य चुनौतियाँ (Major Challenges):
- फैकल्टी की कमी (Faculty Shortage):
- IITs में तेजी से विस्तार हुआ है, लेकिन उच्च गुणवत्ता वाले प्रोफेसर्स (World-class Faculty) की कमी आज भी बनी हुई है।
- विदेशी यूनिवर्सिटी की तुलना में IITs में PhD धारक प्रोफेसरों की संख्या अपेक्षाकृत कम है।
- अनुसंधान के लिए फंडिंग (Funding for Research):
- IITs में रिसर्च बजट बढ़ा है, लेकिन अभी भी अमेरिका और यूरोप की यूनिवर्सिटीज़ की तुलना में बहुत कम है।
- अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं (Advanced Labs) की आवश्यकता बनी हुई है।
- Brain Drain (प्रतिभा पलायन):
- अब भी कई IIT ग्रेजुएट्स विदेशों की कंपनियों और यूनिवर्सिटीज़ में चले जाते हैं।
- भारत को अपनी टैलेंट को रोकने के लिए और अवसर देने होंगे।
- समान अवसर (Equal Opportunities):
- IIT में प्रवेश तो सबके लिए खुला है, लेकिन ग्रामीण और कमजोर तबके के छात्रों के लिए अभी भी पहुँच मुश्किल है।
- डिजिटल डिवाइड (Digital Divide) एक बाधा बनी हुई है।
✅ मोदी सरकार के समाधान (Government’s Solutions under Modi):
- फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (Faculty Development Program):
- दुनिया भर के भारतीय वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों को Global Calling Program के तहत वापस बुलाने की पहल।
- Visiting Faculty Programs से अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों को जोड़ा गया।
- फंडिंग और R\&D पर फोकस:
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation – NRF) की स्थापना।
- IITs को Defence Tech, AI, Semiconductor और Space Research में विशेष अनुदान।
- Brain Drain से Brain Gain:
- स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया के ज़रिए IIT ग्रेजुएट्स को भारत में अवसर दिए गए।
- IIT Alumni को भारत में निवेश और R\&D के लिए प्रेरित किया गया।
- समान अवसर की पहल:
- Digital Classrooms और Online IIT-JEE Training Programs।
- Scholarships और Fee Waivers ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र भी IIT में पढ़ सकें।
🌟 समग्र दृष्टिकोण (Overall Approach):
अगर नेहरू युग ने IITs की नींव रखी थी, तो मोदी युग उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Global Competitiveness) और 21वीं सदी के तकनीकी नेतृत्व (Tech Leadership) के लिए तैयार कर रहा है।
Conclusion
✨ निष्कर्ष (Conclusion):
भारत में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institutes of Technology – IITs) केवल शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण (Nation Building) के स्तंभ हैं।
- पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी के बाद IITs की नींव (Foundation) रखी, जिससे भारत में तकनीकी शिक्षा का नया युग (New Era of Technical Education) शुरू हुआ।
- वर्षों में अलग-अलग सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर IITs का विस्तार किया, लेकिन मोदी सरकार के समय IITs को वैश्विक प्रतिस्पर्धा (Global Competitiveness) और नवाचार (Innovation) की दिशा मिली।
👉 आज IITs न सिर्फ़ इंजीनियरिंग टैलेंट तैयार कर रहे हैं, बल्कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम, डिजिटल इंडिया, स्पेस मिशन (Chandrayaan, Gaganyaan), रक्षा प्रौद्योगिकी (Defence Tech) और हरित ऊर्जा (Green Energy) में भी प्रत्यक्ष योगदान दे रहे हैं।
🌟 मोदी सरकार का योगदान (Modi Govt’s Special Contribution):
- नए IITs की स्थापना → 6 नए IITs (2014 के बाद)।
- राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation) से रिसर्च पर फोकस।
- Startup India & Digital India से IIT ग्रेजुएट्स को अवसर।
- वैश्विक रैंकिंग में सुधार और विदेशी सहयोग।
🏆 संदेश (Final Message):
यदि नेहरू ने IITs का सपना देखा,
तो मोदी ने उस सपने को 21वीं सदी की शक्ति (Power of 21st Century India) में बदलने की राह दिखाई।
IITs आज भारत की आर्थिक शक्ति (Economic Power), तकनीकी नेतृत्व (Tech Leadership), और वैश्विक पहचान (Global Identity) के प्रतीक बन चुके हैं।
